ज्यौतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी ब्व्यक्ति के जीवन पर ग्रहाँ की छाल का ख़ासा प्रभाव पड़ता है. ऐसे
में मंगल ग्रह एक ऐसा ग्वह है जिसको व्यक्ति की कुंडली में पाया जाना अशुभ कहलाता है. जिन लोगों
की कुंडली मैं मंगल ग्रह बिराजमान हो उन्हें मांगलिक दौष से पीड़ित कहा जाता है. मांगलिक दोष से
पौढ़ित लड़के और लड़की की शादी मैं बाधा आती है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली के पहले, दुसरे, चौथे,
सातवँ, आठवें और बारहवे भाव मेँ मंगल ग्रह का होना व्यक्ति के मांगलिक दौष को दर्शाता है. इस लेख
मैं हम आपको मांगलिक दोष के लक्षण बताने जा रहे हैं. इन लक्षणों से आप जांच सकते हैं कि कहीं
आप मांगलिक तो नहीं |
मांगलिक दोष के लक्ष्ण :
- मंगल ग्रह का सीधा असर पीड़ित व्यक्ति की आँखाँ की पुतल्ियाँ पर पढ़ता है. मंग्लिस्क दौष से
ग्रसित लोगोँ की आँखाँ की पुतलियाँ ऊपर की और अधिक झुकी हुई रहती हैं.
- मंगल ग्रह से पीड़ित व्यक्तित की उसके आई से बिलकुल नहीं बनती और दौ्नोँ मैं अनबन बनी रहती
है. - कुछ मांगलिक लौगाँ को एक आँख से या तो कम दिखने लगता हैं या फिर उनकी एक आँख से
बिलकुल ही दिखाई देना बंद हो जाता है. - यदि आपको शारीर मैं खून की कमी यानि एनीमिया महसूस हो रहा है तो एक बार किसी जानी ८डित
से अपनी कुंडली की जांच जरुर करवा लें क्यूंकि शरीर में खून की कमी भी एक तरह से मांगलिक दोष
को दर्शाती है. - मंगल ग्रह से पीड़ित जातकाँ के जौड़ाँ मैं दर्द रहती है और जौड़ ठीक से काम करना बंद कर देते हैं.
- मंगल के साथ केतु हो तो अशुभ माना जाता है इसके इलावा मंगल के साथ बुध हो तो इसका प्रभाव
बहुत गलत हौता है.